20171112

धनक द रेम्बों का अवार्ड सेरेमनी के साथ हुआ समापन

धनक द रेम्बों का अवार्ड सेरेमनी के साथ हुआ समापन
मूमल नेटवर्क, भिवाड़ी। ऑल इण्डिया लेवल की पेंटिंग एग्जीबिशन और ऑन द स्पॉट पेंटिंग काम्पीटिशन के तीन दिवसीय कार्यक्रम धनक द रेम्बों का कल अवार्ड सेरेमनी के साथ समापन हुआ।। शहर के बीएमए हॉल में चल रहे इस कार्यक्रम में बच्चों के साथ वरिष्ठ चित्रकारों ने भी कलाकृतियों में रंग भरे।

समारोह के प्रमुख आयोजक मोहिन्दर सिंह ने बताया कि, तीन दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में भारत के विभिन्न हिस्सों से आई पेंटिंग्स का प्रदर्शन किया गया साथ ही ऑन द स्पॉट पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ। इस प्रतियोगिता में दो श्रेणियों के तहत लगभग 150 बच्चों ने रंगों से अपनी कल्पनाओं की दुनिया सजाई। इसमें आठवीं कक्षा तक के बच्चों ने 'सेव वॉटर, सेव द अर्थ' तथा नवीं से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' विषय पर चित्र बनाएं। समापन अवसर पर श्रेष्ठ कृतियों को अवार्ड से सम्मानित किया गया। बच्चों के हुनर के साथ वरिष्ठ चित्रकारों की अंगुलिओं से अध्यात्म पर निखरती आकृतियों को देखने के लिए बड़ी संख्या में शहर के लोग उपस्थित थे। वरिष्ठ चित्रकारों में प्रमुख रूप से संदीप रावल, राजेश चाहरेश् हितेन्द्र शाक्य, एस.के. राजोटिया, राहुल पगारे, प्रिंस राज, कृष्ण कुंडारा, रामश्री, जसवंत सिंह आदि शामिल थे।




20171031

Art Jaipur, आर्ट जयपुर


खुलासा 'आर्ट जयपुर' का
कला बिरादरी में बड़े पैमाने पर होने जा रहा एक आयोजन खड़े होने से पहले ही क्यों ढह गया? कौन सी राजनीति ने इसे तबाह किया। कौन-कौन थे इस आयोजन के पीछे जानने के लिए जानिए मूमल का यह खोजी खुलासा।  
जयपुर के कला फलक पर देस-विदेस के कलाकारों के साथ व्यावसायिक स्तर का एक आयोजन करने के लिए पिछले वर्ष 2016 में एक पार्टनरशिप फर्म 'टर्कुइस एन्टरप्राइजेज' का गठन किया गया। इस फर्म में जयपुर की दिशेका जाखड़ और रुपिन रावत पार्टनर बने। इसका उल्लेख ट्रेड मार्क जर्नल में किया गया है। इसी फर्म का आयोजन था 'आर्ट जयपुर।'
कलाकारों व मीडिया या सम्बन्धित लोगों को आर्ट जयपुर की तरफ  से भेजी गई मेल में जो नाम सबसे पहले लोगों के सामने आया वह सुजाता घोषाल का था। मीडिया प्रभारी के रूप में गौरव व लोगो से सम्पर्क करने के लिए देशिका जाखड़ की पहल रही। इसके साथ ही नमिता जोसफ  का भी नाम था जो सिडनी निवासी एक क्रिएटिव राइटर ब्लॉगर हैं।
 आयोजनकर्ता एवं फर्म 'टर्कुइस एन्टरप्राइजेज' के पार्टनर के रूप में रुपिन रावत की ओर से कलाकारों को भेजी गई मेल में आयोजन में सम्मिलित होने के लिए कलाकारों द्वारा भरी जाने वाली एप्लीकेशन, नियम व कला प्रदर्शन के लिए दी जाने वाली स्टॉल के आकार व किराया राशि का उल्लेख था।
इस प्रपत्र में आर्ट जयपुर में भाग लेने वाले कलाकारों के रूप में जयपुर के अनेक कलाकारों के नाम शामिल किए गए थे। मूमल द्वारा इन कलाकारों से सम्पर्क करने पर अधिकांश ने इसकी जानकारी होने तक से इन्कार किया था। जबकि आयोजकों के अनुसार सभी ने उन्हें सहभागिता का आश्वासन दिया था।
कौन हैं? दिशेका जाखड़।

दिशेका जाखड़ जयपुर की एक युवा आर्ट कयूरेटर कही जा सकती हैें। कुछ समय पूर्व जयरंगम जैसे आयोजन में विज्युअल आर्ट के लिए किए जाने वाले प्रदर्शन में यह वरिष्ठ कलाकार विनय शर्मा के साथ सहयोगी के रूप में सक्रिय नजर आईं थीं। अकादमिक क्षेत्र में एल.एल.बी. की उपाधि के बाद ये इवेन्ट्स और खासकर आर्टवर्ड में अधिक सक्रिय हुई।
जो भी हो कला आयोजन के क्षेत्र में दिशेका जाखड़  ने एक साहसिक स्वप्र देखा। उसे साकार करने की दिशा में भी भरसक प्रयास किए, इससे इन्कार नहीं किया जा सकता। आयोजन की विफलता के पीछे जिस राजनीति का उल्लेख किया जा रहा है, समय के साथ इस राजनीति और इससे जुड़े चेहरे भी बेनकाब होंगे। फिलहाल दिशेका जाखड़ शायद शॉक्ड है, इसलिए सच उजागर होने तक प्रतीक्षा करनी होगी।
प्रमुख सम्बद्ध:
किशोर शंकर चावला (आर्ट इन्फो इण्डिया)
आर्ट इन्फो इण्डिया पोस्पोण्ड हुए आयोजन आर्ट जयपुर का सहयोगी है।
आर्ट इन्फो इण्डिया गुडगांव में स्थिति है। जिसका गठन चण्डीगढ़ यूनिवर्सिटी से बीएफए डिग्री प्राप्त किशोर शंकर चावला ने किया। आर्ट इन्फो इण्डिया का गठन कला के क्षेत्र में कार्य करने वालो को बढ़ावा देने और उनके सपनों के साकार करने के लिए किया गया है।
आर्ट इन्फो इण्डिया का कथन है कि 'हम कला के क्षेत्र में आर्ट गैलरी, नीलामी घरों, कला विद्यालयों / संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, ऑनलाइन सेवाएं / वेबसाइट्स, कला प्रकाशन / पुस्तकें, कलाकारों और कला समाचार आदि में कला आयोजनों / प्रदर्शनियों, पुरस्कार / छात्रवृत्ति पर जानकारी भी प्रदान करते हैं।'
चित्रकार राधा बिनोद शर्मा
आर्ट जयपुर का एक और प्रमुख सहयोगी हैं आईएमए फाउण्डेशन के फाउण्डर चित्रकार राधा बिनोद शर्मा। यह वही आर्टिस्ट है जिसकी कृति पर बीते साल जयपुर आर्ट समिट में विवाद खड़ा किया गया था।
अन्य सम्बद्ध:
आर्ट जयपुर की ओर से जारी सहभागिता करने वाले कलाकारों की प्रथम सूचि में शामिल कुछ नामों के साथ ही जानकारों की ओर से संकेत मिलने लगे थे कि आयोजन में राजनीति के 'वायरस' एक्टिव हो सकते हैं। यह वायरस पूरे कला जगत के एक आयोजन को ही तबाह कर देंगे यह शायद आयोजकों ने नहीं सोचा होगा।

आर्ट जयपुर का आयोजन खटाई में
मूमल नेटवर्क।  29 अक्टूबर।  जयपुर में 2 नवम्बर से बड़े स्तर पर होने वाला आर्ट जयपुर का आयोजन खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। आयोजन के मीडिया प्रभारी के अनुसार इस संबंध में अगले एक-दो दिन में स्थिति स्पष्ट की जाएगी।
आयोजन के स्थगित होने का पहला संकेत जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी ग्राउण्ड में छाए सन्नाटे से मिला। जहां दो दिन बाद इतना बड़ा आयोजन होने वाला है वहां अभी तैयारी की कोई गतिविधियां नजर नहीं आ रही। आर्ट जयपुर की अधिकृत वेब साइट रखरखाव के नाम पर बंद कर दी गई है। उधर आयोजन की दो प्रमुख समन्वयकों को टेलीफोन 'नो रिप्लाय' वाले मोड पर है।
आयोजन के मीडिया प्रबंध से जुड़े गौरव ने फोन उठाया तो कहा कि कुछ राजनीतिक परिस्थियों मेें एकाएक हुए बदलाव के कारण हालात उनके नियंत्रण से बाहर हो गए हैं। ऐसे में आयोजन को फिलहाल स्थगित करना पड़ रहा है। इस संबंध में अंतिम रूप से अपने अधिकारियों से चर्चा करने के बाद ही स्थगन की पुष्ठि कर सकेंगे। साथ ही यह भी उम्मीद जताई गई है कि हालात में सुधार होने के बाद शीध्र ही यह आयोजन किया जाएगा।

20171028

एक कला शिखक का कला संकल्प

एक कला शिखक का कला संकल्प

प्रकृति को बनाया कैनवास
कला को जोड़ा गांवों से

मूमल नेटवर्क, पाली। कला शिक्षक नवलसिंह चौहान ने शहर में कला की शिक्षा प्राप्त की और अपनी जन्मभूमि, अपने गांवों को अपनी कला से जोड़कर एक उदाहरण पेश किया है। प्रकृति को अपनी कृतियों से साक्षात्कार करवाकर नवलसिंह ने प्रकृति से वास्तव में जुडऩे का संदेश दिया है। ना केवल इतना ही कला खरीददारों का एक नया बाजार और वर्ग भी तैयार किया है।
प्रति वर्ष जून की चौदह तारीख नवलसिंह के लिए खास होती है। पिछले तीन वर्षों से वो इसी खास दिन पर अपनी पेंटिंग्स का प्रदर्शन किसी ना किसी विशेष अन्दाज से करते हैं। प्रदर्शनी स्थल जरूर गांव ही होता है।
2015 की 14 जून को इस कलाकार ने अपनी कृतियों की प्रदर्शनी स्कूल में लगाकर ना केवल विद्याार्थियों को कला के प्रति आकर्षित किया वरन् स्कूल अध्यापकों के साथ हर श्रेणी वर्ग के लोगों को इससे जोडऩे का प्रयास किया। दूसरी प्रदर्शनी राजस्थान के पाली स्थित कोट किराना पंचायत के अपने गांव भेरू कासियां में लगाई। आर्ट गैलेरी की दीवारे बनी खेजड़ी के पेड़। पहली बार हुए इस आयोजन से जहां गांव वाल अभिभूत हुए वहीं समाज को प्रकृति संजोकर रखने का भी संदेश मिला अपनी इस प्रदर्शनी में नवलसिंह ने 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का भी संदेश प्रसारित किया।

नवलसिंह की तीसरी पेंटिंग इसी वर्ष 2017 की 14 जून को  24 मील, नेशनल हाईवे नं.-8 पर राजस्थान के जस्साखेड़ा भीम के पास बने एनीकेट में लगी। एनीकेट का पानी बना आर्ट गैलेरी जिसमें इस कलाकार ने अपनी पेंटिंग्स को पानी में तैरने के लिए प्रकृति के सानिध्य में स्वछन्द छोड़ दिया था। प्रयास नया व अनूठा था था जो दर्शकों को खींचकर लाने में सफल हुआ। इतना ही नहीं कला व कलाकार को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से युवा नेता परमेश्वर सिंह सीरमा ने पेंटिंग खरीदी। इस प्रदर्शनी में दीप प्रज्जवलन के साथ उपस्थित जनसमूह ने पानी में पेंटिंग्स तैराकर कला का साथी होने का संकेत दिया।
नवल सिंह की रेखाएं कला प्रेमियों को लुभाने में सक्षम हैं और कला को जनमानस तक पहुंचाने का प्रयास अतुलनीय। अगला वर्ष 2018 नवलसिंह चौहान के किस अन्दाज में कला का यह पर्व मनाने के लिए आ रहा है, यह अभी तय नहीं हो पाया है। ...हां यह जरूर तय है कि जो होगा कुछ नया, कुछ अनूठा और गांव समाज को एकसाथ लेकर चलने वाला होगा।

20171027

Jaipur Kala Choupal, जयपुर कला चौपाल

'जयपुर कला चौपाल' की पृष्टभूमि व संतुलित खुलासा।
कला आयोजनों में भाग लेने से पूर्व अगर यह जान लिया जाए कि आयोजकों की असल मंशा क्या है, तो अच्छा रहता है। कलाकारों के लिए आयोजन और आयोजक की पृष्ठभूमि जानना भी जरूरी है। इसलिए पेश है 'जयपुर कला चौपाल' का संतुलित खुलासा।
शुद्ध व्यावसायिक गतिविधि 
जयपुर में चल रहा आयोजन 'कला चौपाल' शुद्ध व्यावसायिक गतिविधि है। इस आयोजन के लिए रजिस्ट्रार ऑफ  कम्पनीज जयपुर के पास 31 मार्च 2017 को पार्टनरशिप फर्म का रजिस्ट्रेशन एक लाख रुपए की ओब्लिगेशन कन्टरीब्यूशन राशि से करवाया गया। इस फर्म के चार पार्टनर हैं- ज्योतिका राम प्रताप सिंह एवं राम प्रताप सिंह के सुपुत्र राघव प्रताप सिंह, रूद्र प्रताप सिंह, आर्टिस्ट प्रेमिला सिंह एवं ग्राफ्रिक डिजाईनर तथा सर्व शिक्षा व पल्स पोलियो अभियान से जुड़ी  लीनिका बेरी जैकब। इस फर्म का रजिस्टर्ड आफिस बी-5, नन्द प्लाजा, गीजगढ़ हाउस, हवा सड़क, जयपुर में है।
इसी एडरेस पर एक और कम्पनी 14 सितम्बर 2016 को गठित हुई थी। सीमित दायित्व वाली इस कम्पनी को भी एक लाख रुपए की पूंजी से आरम्भ किया गया। कम्पनी के दो डायरेक्टर हैं- राघव प्रताप सिंह तथा रूद्र प्रताप सिंह।
संचालन के लिए चार पार्टनर्स
विशुद्ध व्यावसायिक स्तर पर आयोजित किये गए इस कार्यक्रम के संचालन के लिए चार पार्टनर्स की एक कम्पनी गठित की गई है। व्यावसायिक लाभ के लिए कला व पर्यटन को आपस में जोड़ा गया है। देसी-विदेसी पर्यटकों को इस कार्यक्रम को देखने के लिए न्यौता दिया जा रहा है जिसमें पर्यटकों के लिये उनके अपने खर्चे पर होटल्स में ठहराने की व्यवस्था का प्रस्ताव भी शामिल है।

टिकट लगभग 3500 रुपये
इसके साथ ही रेजीडेंसी प्रोगाम की समाप्ति पर कला प्रदर्शनी के उद्घाटन व समापन अवसर पर डिग्गी पैलेस में आयोजित होने वाली सेरेमनीज के लिए टिकट बुक की जा रही है। यह टिकट लगभग 3500 रुपये प्रति व्यक्ति है जिसमें म्यूजिकल नाईट के आनन्द के साथ ड्रिंक और डिनर परोसा जाएगा।
कला चौपाल के आयोजनों में सहयोगयों के रूप में कला का व्यवसाय करने वाली 8 एक्स्पोर्ट कम्पनियां जुड़ी हुई हैं। इनमें जयपुर रग्स, ओजस, कागजी, आयाम, नीरजा पोटरी, स्टूडियो सुकृति, स्टाईल स्कूल व पूनम भगत का ताइका शामिल है।
खामोश सी शुरुआत
20 अक्टूबर 20017 को आरम्भ हुए रेजीडेंसी आयोजन 'कला चौपाल' की खामोश सी शुरुआत के बाद अब तक सन्नाटा पसरा है। आयोजनों की श्रृंखला में सबसे लम्बी अवधि तक चलने वाला इस कार्यक्रम में आम दर्शकों के लिए है भी नहीं। इसका कारण इसकी अवधि का लम्बा होना तो है साथ ही ऊंची टिकट दर भी है। इसके साथ ही रेजीडेंसी के दौरान तैयार कृतियों का प्रदर्शन जेकेके में किए जाने की घोषणा भी एक अहम कारण है। कला प्रेमी इस प्रदर्शनी को देखने के लिए प्रतीक्षारत हैं।
आयोजकों का कहना है कि....
आयोजकों के अनुसार इसमें 15 राष्ट्रों के लगभग 50 आर्टिस्ट शामिल हुए हैं। 'अवर बॉडी एण्ड अवर हैण्डस इन वॉटर' थीम पर आधारित इस कार्यक्रम के बारे में आयोजकों का कहना है कि 'यह कार्यक्रम विभिन्न देशों के स्थापित और उभरते कलाकारों को भारत की कलाओं और कलाकारों की आत्मा का दर्शन करने के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। इसके साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों की कलात्मक अभिव्यक्ति की समकालीन शैलियों पर समझ बढ़ाने के लिए, एक वैश्विक कलात्मक समुदाय के साथ बातचीत करने के लिए भारतीय कलाकारों को एक बहुत ही अच्छा मौका मिलेगा।'
विशेष...
सभी आयोजनों के बारे मेें विस्तार से जानकारी देने के लिए मूमल ने विशेष व्यवस्था की है। इसे जानने के लिए मूमल के वेब पोर्टल www.moomalartnews.com पर पधारें। वहां दायीं ओर एक विन्डों में सभी आयोजनों के लिंक उपलब्ध हैं। इन्हें क्लिक करने पर जानकारियों से भरपूर मूमल की बेबाक समीक्षा पढऩे के साथ आयोजन की वेब साइट और अन्य लिंक तक पहुंचने की सुविधा भी मिलेगी।